माफिया मुख़्तार अंसारी को आजीवन कारावास, फर्जी शस्त्र लाइसेंस केस में हुई सजा

वाराणसी : आज बड़ा फैसला आया है कि माफिया मुख्तार अंसारी को 33 वर्ष 3 महीने 9 दिन पुराने गाजीपुर के फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में आज 13 मार्च 2024 को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामले में उस पर दो लाख दो हजार का जुर्माना भी लगा है।  माफिया मुख्तार की सजा को लेकर 54 पेज का फैसला आया है। फैसले के दौरान सफेद टोपी और सदरी पहने मुख्तार मुंह लटकाए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम बांदा जेल से पेश हुआ। बांदा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा अंतरराज्यीय गिरोह  का सरगना और माफिया मुख्तार को आठवीं बार सजा हुई है।

सजा ये –
आईपीसी 467/120 बी में उम्रकैद व एक लाख का लगा है जुर्माना।
आर्म्स एक्ट में 6 माह सजा व दो हजार जुर्माना।
420/120 बी में 7 वर्ष सजा व 50 हजार का जुर्माना।
468/120 बी में 7 वर्ष की सजा व 50 हजार जुर्माना।

विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) अवनीश गौतम की अदालत में आज बुधवार को मुख्तार अंसारी को सजा सुना दी है।  इस दौरान मुख्तार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 5 जून 2023 को अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। मुख्तार को अब तक सात मामलों में सजा हुई है अब ये उसके आठवे मामलें में सजा सुनाई गई है।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक़, मुख्तार अंसारी ने 10 जून 1987 को दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए गाजीपुर के जिलाधिकारी के यहां प्रार्थना पत्र दिया था। आरोप था कि गाजीपुर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर उसने शस्त्र लाइसेंस प्राप्त किया था।

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