अमेठी : अमेठी कारण छोड़कर राहुल गांधी ने एक साथ कई निशाने साधे है। इसके पीछे कांग्रेस की सोची-समझी रणनीति दिखाई दे रही है। एक तो कमजोर संगठन, दूसरा हार के बाद क्षेत्र से दूरी सहित कई ऐसे कारण हैं, जिसका जवाब कांग्रेस नहीं खोज पा रही थी। ऐसे में एक बीच का रास्ता निकाला गया। नतीजन, करीब एक माह से अमेठी और रायबरेली में प्रत्याशी चयन को लेकर बने सस्पेंस पर अंतिम क्षणों में पर्दा उठा। राहुल गांधी के रायबरेली और अमेठी से किशोरी लाल शर्मा के नामांकन के बाद कार्यकर्ता तक सकते में हैं। चाय-पान की दुकानों से लेकर सोशल मीडिया तक में यहीं छाया हुआ है। इसके नफा-नुकसान का आकलन हो रहा है।
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