नई दिल्ली : दिल्ली -एनसीआर में आज कल जिस तरह प्रदूषण फैला हुआ है, उसने जनजीवन पर बेहद खतरनाक प्रभाव डालना शुरू कर दिया है। इसमें सांस के मरीज़ों को जितनी तकलीफ हो रही है वहीँ विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रदूषण ने कैंसर के मरीजों की समस्या को भी बढ़ा दिया है। सामान्य मरीजों में भी कैंसर होने की सम्भावना बनी हुई है। वायु प्रदूषण में मिश्रित कार्बन तत्व आसानी से सांस के साथ घुलकर फेफड़ों तक पहुँच जाएगा और लंबे समय के बाद फेफड़ों का कैंसर बनने की आशंका हो सकती है।
गंभीर प्रदूषण से ये मरीज हो जाएं सतर्क, डॉक्टरों ने कहा- बन सकता है कैंसर
कैंसर स्पेशलिस्ट का कहना है कि वाहनों का धुआं, रबड़ व अन्य को जलाने से निकलने वाले कार्बन तत्व कैंसर के लिए संवेदनशील हैं। यह फेफड़ों में जमा होकर क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज रोग को जन्म देता है। धीरे-धीरे ये बढ़ता है और फेफड़ों का कैंसर आशंका बढ़ जाती है। आपको बतादें कि अभी दिल्ली के अस्पतालों में हजारों मरीज पंजीकृत हैं। इनमें से अधिकतर मरीज का इलाज सामान्य दवा की डोज से हो रहा है, लेकिन बीते कुछ सप्ताह से प्रदूषण बढ़ने के बाद इन मरीजों की दवा की डोज बढ़ानी पड़ी। साथ उन्हें सावधानी से रहने की सलाह दी गई। वरिष्ठ डॉक्टर भूमिका गुप्ता ने बताया कि कार्बन कण फेफड़ों में जमा होकर सेल में बदलाव करते हैं। इससे सेल में म्यूटेशन होता है और कैंसर बन सकता है।