काशी के मूर्धन्य विद्वान पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित गुरुजी का निधन हो गया है। आज शुक्रवार को अंतिम यात्रा 11 बजे उनके निवास स्थान मंगलागौरी से निकाली गई इसमें काशी के प्रमुख लोग मौजूद रहे। मणिकर्णिका घाट पर उनका अंतिम संस्कार विधि-विधान से किया गया। काशी के मूर्धन्य वैदिक श्रौत-स्मार्त कर्मकाण्ड विशेषज्ञ साङ्गवेद विद्यालय के यजुर्वेदाध्यापक लक्ष्मीकान्त दीक्षित के निधन से सनातनी जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। इनके ही आचार्यत्व मे विगत 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा पूर्ण की गई थी।
पीएम मोदी ने जताई संवेदना
लक्ष्मीकांत दीक्षित के निधन पर पीएम मोदी ने षिक जताते हुए कहा कि काशी विश्वनाथ धाम और राम मंदिर के लोकार्पण पर्व पर मुझे उनका सान्निध्य मिला। उनका निधन समाज के लिए अपूरणीय क्षति है।संस्कृत भाषा व भारतीय संस्कृति की सेवा हेतु वे सदैव स्मरणीय रहेंगे। पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान एवं उनके शिष्यों और अनुयायियों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति!