गौरतलब है कि प्रदेश के अल्मोड़ा मर्चूला बस हादसे के बाद सभी में शोक भरा हुआ है। यहां बराथ मल्ला गांव के लोगों की सबसे ज्यादा 6 मौतें हुई हैं। पूरे गांव में मातम छाया हुआ है। गांव में किसी ने अपने माता-पिता को खो दिया तो किसी ने बेटा और बेटी। किसी के माथे का सिंदूर उजड़ गया तो किसी का भाई इस दुनिया से जा चुका है। बीते दिन मंगलवार को गांव में घरों में खाना नहीं बना। गांव के 16 लोग रामनगर जाने को सवार हुए थे। हादसे में राकेश ध्यानी, उनकी बेटी मानसी की मौत हो गई। राकेश बराथ गांव में चक्की चलाते थे और एकमात्र कमाने वाले थे। उनकी बेटी मानसी काशीपुर में पढ़ती थी।मौत से कोहराम मचा हुआ है। यशोदा देवी का पुत्र विशाल और दो पोते विपाशु और तुषार हादसे में घायल हैं। वहीं, ग्रामीण विनोद पोखरियाल व महानंद की हालत खतरे से बाहर है।इस हादसे में पौड़ी जिले के धुमाकोट और आसपास के क्षेत्र के 30 लोगों ने जान गवाईं है
अल्मोड़ा बस हादसा : किसी के माथे का सिंदूर उजड़ा और किसी ने खोया बेटा-चारों तरफ दर्द ही दर्द
