उत्तराखंड में एक साल के दौरान युवा बेरोजगारी में 4.4 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई हुई है। यह खुलासा पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) रिपोर्ट में भी हुआ है। उत्तराखंड ने राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ दिया है। धामी सरकार का सरकारी और गैर सरकारी रोजगार देने पर फोकस है। सर्वेक्षणों के आंकड़ों में सरकार के ये प्रयास दिखाई दिया हैं। उत्तराखंड में बीते एक वर्ष में रोजगार के अवसर बढ़ने से बेरोजगारी घटी है। सभी आयु वर्गों पर नजर डालें, तो इसकी दर 4.5 फीसदी से घटकर 4.3 प्रतिशत पर आ गई है। 15-29 वर्ष के आयु वर्ग में 14.2 से घटकर 9.8 प्रतिशत पर आ गई है। 15-29 वर्ष के आयु वर्ग में श्रमिक जनसंख्या अनुपात 27.5 प्रतिशत से बढ़कर 44.2 प्रतिशत हो गया है। युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिले हैं। इसी प्रकार 15-59 वर्ष के आयु वर्ग में श्रमिक जनसंख्या अनुपात 57.2 प्रतिशत से बढ़कर 61.2 प्रतिशत पहुंच गया है,पड़ोसी राज्य हिमाचल में यह बढ़ी है, जबकि अखिल भारतीय बेरोजगारी दर उत्तराखंड से अधिक है। सरकारी क्षेत्र में ही 16 हजार से अधिक युवाओं को हमने नियुक्ति दी है। निजी क्षेत्र में भी यह सिलसिला शुरू हो चुका है।
उत्तराखंड में एक साल में घटी 4.4% युवा बेरोजगारी दर
