त्रियुगीनारायण में विवाह करने का उत्साह हर वर्ष बढ़ रहा है। स्थानीय के साथ बाहरी लोग भी इसके बारे में जानकारी होने पर अपने पुत्र व पुत्रियों का विवाह यहां कराने को तैयार होने लगे हैं। इसी वजह से यहां 30 अप्रैल 2025 तक की वैवाहिक आयोजन की बुकिंग हो चुकी है।
शिव-पार्वती की विवाह स्थली त्रियुगीनारायण में इस वर्ष मंदिर में अभी तक 150 से अधिक विवाह आयोजन हो चुके हैं, नवंबर माह में रिकार्ड सौ से अधिक विवाह संपन्न कराए गए हैं और रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर सोनप्रयाग से 11 किमी की दूरी पर स्थित त्रियुगीनारायण का विशेष धार्मिक महत्व है।
भगवान शिव व पार्वती के विवाह के यहां प्रत्यक्ष प्रमाण आज भी मौजूद है। तीन युगों से अनवरत जल रही अखंड ज्योति व वेदी के साथ ही अन्य कई धार्मिक धरोहरें मौजूद हैं, जिनके दर्शनों के लिए यहां प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं। यहां रिकॉर्ड 6 लाख श्रद्धालुओं ने भगवान वामन और शिव-पार्वती विवाह की फेरा वेदी और अखंड ज्योति के दर्शन किए।