लखनऊ : गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के एक बयान ने बवाल मचा दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने यूपी के कासगंज में कहा था कि कारसेवकों पर तत्कालीन सरकार ने संविधान और कानून की रक्षा के लिए अराजक तत्वों पर देखते ही तुरंत गोली मार देने के आदेश थे। उस समय सरकार ने अपना काम किया था।
आपको बतादें कि बीते दिन मंगलवार को समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बौद्ध एकता समिति की तरफ से गनेशपुर में आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में बौद्ध जन जागरूकता सम्मेलन में कहा कि जिस समय कारसेवकों पर गोली चलवाने का आदेश जारी किया गया था, सरकार अपने काम को कर रही थी, सरकार तो बीएस अपने कर्तव्य का पालन कर रहीं थी। इतना ही नहीं बल्कि स्वामी प्रसाद ने ये भी कहा कि जब अयोध्या में राम मंदिर पर घटना घटी थी, वहां पर बिना किसी न्यायपालिका और प्रशासनिक के आदेश के बड़े पैमाने पर आराजतक तत्वों ने तोड़फोड़ भी की थी तब उस समय की सरकार ने संविधान और कानून की रक्षा के लिए, अमन और चैन को बनाए रखने के लिए गोली चलवाईं थीं। स्वामी ने ये भी कहा है कि आज से 33 साल पहले 1990 में अयोध्या के हनुमान गढ़ी जा रहे कारसेवकों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलीं थीं उस वक्त प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी, मुलायम सिंह यादव यूपी के मुख्यमंत्री थे।