सुल्तानपुर में सराफा दुकान में डकैती को अंजाम देने वाले आरोपी का बीते दिन बृहस्पतिवार को हुए एनकाउंटर से प्रदेश की सियासत में गर्माहट आई है। जिसपर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया एनकाउंटर को फर्जी करार दिया है। अखिलेश ने कहा की दो दिन पहले जिसको उठाने के बाद एनकाउंटर के नाम पर हत्या की गई है, अब उसकी मेडिकल रिपोर्ट बदलवाने का दबाव बनाया जा रहा है। इसका सर्वोच्च न्यायालय तुरंत संज्ञान ले, इससे पहले कि सुबूत मिटा दिए जाएं।।
इतना ही नहीं अखिलेश ने ये भी कहा कि यह लग रहा है कि त होता है कि सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था। इसलिए नकली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया। पैरों पर सिर्फ दिखावटी गोली मारी गई और एक की जाति देखकर उसकी जान ले ली गई। कहा, जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया है तो लूट का सारा माल भी वापस होना चाहिए। सरकार को पीड़ित कारोबारी को मुआवजा भी देना चाहिए।उन्होंने कहा कि नकली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं। अखिलेश ने भाजपा राज को अपराधियों का अमृतकाल कहा और ये भी बोले कि जब तक जनता का रोष चरम सीमा पर नहीं पहुंच जाता है, तब तक लूट में हिस्सेदारी का काम चलता रहता है।
हालाँकि अखिलेश की बयानबाजी पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने पलटवार करते हुए कहा है कि कुछ लोगों को सिर्फ जाति ही दिखती है। राजनीतिक संकीर्णता में फंसे लोग जाति, मजहब के आधार पर समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। जाति के नाम पर दंगा करवाने वाले अखिलेश यादव अहंकार में बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं।