नैनीताल : हाईकोर्ट शिफ्ट किए जाने के लिए जनमत संग्रह की कवायद के बीच अब यह भी सवाल उठ रहा है। हाईकोर्ट के लिए जनमत संग्रह तो कराया जा रहा है, स्थायी राजधानी के लिए क्यों यह प्रक्रिया नहीं अपनाई जा रही है। राज्य गठन के बाद अब तक स्थायी राजधानी ही तय नहीं हो पाई कि इसे कहां ले जाया जाए। ऐसे में राजधानी के लिए जनमत संग्रह कराया जाना चाहिए था, बजाय इसके कि हाईकोर्ट के लिए इसे कराया जा रहा है जबकि हाईकोर्ट स्थायी तौर पर कुमाऊं में ही बनाने की बात तय थी।
हाईकोर्ट को लेकर माहौल गरम, लोगों के मन में सवाल

कुमाऊं के लोग हाईकोर्ट के लिए जनमत संग्रह को कतई सही नहीं ठहरा रहे हैं और ना ही वे हाईकोर्ट को यहां से शिफ्ट करने के पक्षधर हैं। उनका कहना है कि यदि नैनीताल में इसके लिए पर्याप्त स्थान नहीं तो इसे कुमाऊं के ही किसी अन्य क्षेत्र में शिफ्ट किया जा सकता है न कि ऋषिकेश या अन्य। दो दशकों से अधिक समय से हाईकोर्ट संचालित हो रही है, किसी को दिक्कत नहीं हुई। हाईकोर्ट के लिए जनमत संग्रह समझ से परे है। उच्च स्तरीय संस्थान पहाड़ में ही स्थापित होने चाहिए।