हरिद्वार : हरिद्वार जिले के किसानों का रुझान अब परंपरागत खेती से अलग होकर मुनाफे वाली खेती की तरफ हो गया है। इसी के चलते स्ट्रॉबेरी की खेती का रुझान भी एक साल में 50 हेक्टेयर तक बढ़ा है। वहीं किसानों की आर्थिक हालत भी सुधरी है। एक साल में किसानों की आजीविका में जबरदस्त उछाल आने से खेती करने वालों की संख्या भी बढ़ी है।
हरिद्वार जिले की पहचान गन्ना, गेहूं और धान की खेती से की जाती है। अब किसानों ने परंपरागत खेती को छोड़कर आधुनिक खेती की तरफ रुख किया है। डेढ़ दशक पहले तक जिले के किसान जिस स्ट्रॉबेरी को पहचान नहीं पाते थे। आज इसी स्ट्रॉबेरी की खेती कर अपनी अलग पहचान बनने लगी है। कुछ साल पहले जिले में कुछ बीघे में ही स्ट्रॉबेरी की खेती होती थी, यहां किसानों की संख्या बढ़ गई है। जिले में करीब 80 हेक्टेयर भूमि पर स्ट्रॉबेरी की खेती हो रही थी। क्षेत्र के करीब 40 किसान स्ट्रॉबेरी की खेती कर अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं। बताया, हिमाचल प्रदेश से स्ट्रॉबेरी के पौधे मंगाते हैं।