राजाजी नेशनल पार्क के पांच हाथी कलेसर नेशनल पार्क पहुंचे हैं और डेढ़ साल पहले भी राजाजी से छह हाथियों का एक समूह कलेसर पहुंचा था जो बाद में लौटा है। कलेसर पहुंचने वाले हाथियों के झुंड में एक नर, दो मादा और दो शिशु हाथी हैं। राजाजी पार्क से हाथियों का प्रवास नया नहीं है।
एक-दो वर्षों से करीब 12 हाथियों का एक दल राजाजी पार्क से रवाना होने के बाद पांवटा साहिब के घने जंगलों में डेरा डाले थे जिसके बाद उत्तराखंड से हाथियों के स्थायी प्रवास के कारण पांवटा साहिब को केंद्र सरकार ने प्रोजेक्ट एलीफेंट के तहत 87 लाख रुपये का बजट भी प्रदान किया है। डेढ़ वर्ष पहले भी कलेसर तक जाने के बाद हाथियों का समूह वापस लौट आया था। अब हाथियों के समूह ने फिर से कलेसर में एंट्री की है। हाथियों के समूह को कई बार कलेसर के जंगलों में घूमते हुए देखा गया है। दो शिशुओं वाले हाथियों के झुंड को देखा गया। इसे करीब तीन से चार बार देखा जा चुका है। कलेसर नेशनल पार्क में घना जंगल हाथियों को अनुकूल वातावरण प्रदान करता है, इसलिए हाथी बार-बार राजाजी नेशनल पार्क से कलेसर का रुख कर रहे हैं। राजाजी से हाथी आसानी से प्रवास कर कलेसर पार्क की ओर आ जाते हैं। राजाजी नेशनल पार्क के डिप्टी डायरेक्टर महातिम यादव ने बताया कि राजाजी नेशनल पार्क से हाथियों का झुंड कलेसर नेशनल पार्क की ओर जाता रहता है