दहेज़ के एक तरफ़ा कानून ने ली अतुल सुभाष की जान? परिजन नाराज़-पत्नी और ससुरालवालों पर FIR दर्ज

बेंगलुरु में इंजीनियर अतुल सुभाष के सुसाइड के बाद बात उत्तर प्रदेश तक आकर रह जा रही थी। लेकिन, इधर बिहार के समस्तीपुर में एक घर के अंदर इस खबर से कोहराम मचा हुआ है। अतुल सुभाष समस्तीपुर के पूसा के मूल निवासी थे। यहीं उनकी पढ़ाई लिखाई हुई। अब इस तरह मौत की खबर आई तो कृषि विश्वविद्यालय के कारण चर्चित पूसा इलाके में रह रहे अग्रवाल परिवार के हर आदमी के अंदर गम के साथ गुस्सा है। जहां लोगों का कहना है कि  “दहेज कानून सिर्फ महिलाओं के लिए है। यह पुरुषों के साथ किस तरह अन्याय करता है, अतुल सुभाष के सुसाइड ने यही दिखाया। सरकार को जगाने की कोशिश कर वह चले गए।” यह तनाव में दी गई कुर्बानी है और अब सरकार को जागना ही पड़ेगा। कानून में सुधार करना पड़ेगा और अतुल ने कानून के जिन रखवालों पर उंगली उठाई, उनपर सुप्रीम कोर्ट को भी जांच करानी चाहिए।”

अतुल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।  सुभाष ने मरने से पहले नौ दिसंबर को एक घंटे 20 मिनट का एक वीडियो और 24 पेज का पत्र सोशल मीडिया पर जारी किया था। उसने कहा था कि उसके पास आत्महत्या के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। उसने इस मौत का जिम्मेवार अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास, साले और चचेरे ससुर को बताया था। अतुल ने मरने से पहले लिखा था कि पत्नी और सास आत्महत्या के लिए बार उकसा रही है। सास कहती है कि तुमने अब तक ससुसाइ क्यों नहीं किया? तेरे मरने के बाद मेरी बेटी  का सबकुछ होगा।तुम्हारे मां-बाप भी जल्दी मर जाएंगे। पूरी जिंदगी तेरा पूरा खानदान कोर्ट के चक्कर काटेगा।’ अब मेरे पास कोई उपाय नहीं है। इसलिए मैं अपनी जान दे रहा।

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