जोशीमठ : उत्तराखंड में गेटवे ऑफ हिमालय के नाम से जाना जाने वाला मशहूर जोशीमठ में भू.धंसाव के कहर से परेशान है इसी कड़ी में कई मीटर गहरी दरारें पड़ गईं हैं और 700 से ज्यादा घरों की दिवारें खिसक गई है। आतंक के निशान यहां हर स्थानीय चेहरे पर दिख रहे हैं। कालोनियां और होटल खाली कराए जानें लगे हैं और जिला प्रशासन ने पिछले तीन दिनों में कोई 70 परिवारों को गेस्टहाउस में शिफ्ट कर दिया है।
गुरूवार को दस और परिवारों को सुरक्षित स्थलों पर ले जाय गया और सरकार की उपेक्षा से गुस्साए लोगों ने सुबह से कई घंटे चक्का जाम किया और सुरक्षा के लिहाज से पर्यटकों के लिए जोशीमठ-औली रोपवे भी बंद हो गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय खुद इस मामले में पल पल की जानकरी पर लगा हुआ है। राज्य सरकार के विशेषज्ञों की टीम गठित की है जो देर शाम तक जोशीमठ पहुंच जाएगी। ये टीम भू.धंसाव रोकने के लिए दीर्घकालिक और तात्कालिक उपायों के संबंध में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौपेगी।
जेपी कंपनी ने 50 परिवारों को अपने गेस्ट हाउस में शिफ्ट करा दिया। भू-धंसाव को लेकर जिला प्रशासन की 6 टीमें घर.घर जाकर सर्वे करते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने में लगी हुई है।

