प्रदेश में घाटे से उबरा रोडवेज, 56 करोड़ का फायदा

परिवहन निगम 20 साल में पहली बार घाटे से उबरकर 56 करोड़ रुपये के मुनाफे में आया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे गुड गवर्नेंस का बेजोड़ उदाहरण दिया है। निगम अब मैदानी के साथ ही पर्वतीय मार्गों पर भी रोडवेज बस सेवा में बड़ा बदलाव होने वाला है। सभी खर्चों की पूर्ति के बाद निगम का मुनाफा 56 करोड़ रुपये हुआ है, जो रिकॉर्ड है। निगम के पास वर्तमान में 1,350 बसें हैं। खासकर 151 सीएनजी युक्त बसें दिल्ली रूट पर चल रही हैं। भविष्य में 200 सीएनजी बसें पहाड़ और मैदानी रूट पर संचालन के लिए खरीदने की प्लानिंग हैं।

तीन साल बाद 2003 में यूपी से अलग होकर उत्तराखंड परिवहन निगम अपने असली फॉर्म में आया है। इस दौरान रोडवेज के हिस्से यूपी से नई-पुरानी करीब 957 बसें आईं। खटारा बसें, खराब सड़कें, कुप्रबंधन और यूपी की देनदारी से परिवहन निगम लगातार घाटे में था और कर्मचारियों को वेतन देने में बुरी स्थिति बनी हुई है।

घाटा 2020 से पहले 250 करोड़ से 2022 तक सीधे 520 करोड़ तक पहुंच गया। सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार ने इसकी बागडोर संभाली है। मुख्यमंत्री धामी ने इसकी खुद समीक्षा की और सुधार की जिम्मेदारी ली।

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