आर्थिक विकास में महिलाओं की भूमिका सुनिश्चित करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने 3.10 लाख करोड़ रुपये तय किए हैं साथ ही बजट में महिलाओं के संपत्ति खरीदने पर स्टाम्प शुल्क में भी छूट का प्रस्ताव है। महिला और बाल विकास मद में कुल 26,092.19 करोड़ का प्रावधान हुआ है। कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास, बच्चों में पोषण को बढ़ावा देने के लिए सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण मद में 21,200 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
याद हो तो पिछली बार इस मद में 21,523.13 करोड़ का प्रावधान किया गया था। इसके साथ ही राष्ट्रीय बाल आयोग के लिए अलग से धन का आवंटन किया गया है। महिला सशक्तीकरण के मद में सरकार ने 629 करोड़ का प्रावधान किया है। इसमें सबला योजना के तहत बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, वन स्टॉप सेंटर, नारी अदालत, महिला पुलिस स्वयंसेवक और महिला हेल्प लाइन शामिल है। सामर्थ्य योजना के चलते जिसमें, शक्ति सदन, उज्ज्वला, विधवा गृह, सखी निवास क्रेच और प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना के लिए 3145.97 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जबकि पिछली बार यह धनराशि 2325.85 करोड़ थी।
कार्यबल में महिलाएं हुईं आगे –
देश के कार्यबल में महिलाएं बढ़चढ़ कर शामिल हुई हैं। इस वर्ष मई तक करीब 2.40 लाख महिलाएं विभिन्न सेक्टरों में कार्यबल के रूप में शामिल हुईं। यह पिछले साल की इसी अवधि में 12 फीसदी से ज्यादा है। जनवरी से मार्च 2024 के बीच कार्यबल भागीदारी दर बढ़कर 50.2% हो गई, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 48.5% थी। मार्च तिमाही में बढ़कर 23.4% हो गया है, जो पिछले वर्ष समान अवधि में 20.6 प्रतिशत था। आर्थिक सर्वेक्षण 2023-2024 के अनुसार, वित्त वर्ष 2014 से वित्त वर्ष 2024-25 तक महिला कल्याण के लिए बजट आवंटन में 218.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।