देहरादून : उत्तराखंड में जल्द ही समान नागरिक संहिता लागू होने वाला है। शुक्रवार को विशेषज्ञ समिति की अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई और उनकी टीम ने ड्राफ्ट रिपोर्ट सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौपी है। अब कल कैबिनेट बैठक में यूसीसी ड्राफ्ट रिपोर्ट को मंजूरी मिल सकती है। इसे छह फरवरी को विधानसभा में पेश किया जाएगा। यूसीसी ड्राफ्ट में कई बड़े प्रावधान हुए हैं।
ड्राफ्ट का प्रावधान –
1- लड़कियों की विवाह की आयु भी बढ़ेगी। जिससे वे विवाह से पहले ग्रेजुएट हो सकें।
2- विवाह का रजिस्ट्रेशन जरुरी होगा। बगैर रजिस्ट्रेशन किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा। शादी के रजिस्ट्रेशन की सुविधा होगी।
3- पति-पत्नी दोनों को तलाक के समान आधार उपलब्ध कराए जाएंगे। तलाक का जो ग्राउंड पति के लिए लागू होंगे वहीँ पत्नी के लिए भी लागू होंगे। फिलहाल पर्सनल लॉ के तहत पति और पत्नी के पास तलाक के अलग-अलग ग्राउंड हैं।
4- पॉलीगैमी या बहुविवाह पर रोक लगेगी।
5- उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर होगा। अभी तक पर्सनल लॉ के मुताबिक लड़के का शेयर लड़की से अधिक है।
2- विवाह का रजिस्ट्रेशन जरुरी होगा। बगैर रजिस्ट्रेशन किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा। शादी के रजिस्ट्रेशन की सुविधा होगी।
3- पति-पत्नी दोनों को तलाक के समान आधार उपलब्ध कराए जाएंगे। तलाक का जो ग्राउंड पति के लिए लागू होंगे वहीँ पत्नी के लिए भी लागू होंगे। फिलहाल पर्सनल लॉ के तहत पति और पत्नी के पास तलाक के अलग-अलग ग्राउंड हैं।
4- पॉलीगैमी या बहुविवाह पर रोक लगेगी।
5- उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर होगा। अभी तक पर्सनल लॉ के मुताबिक लड़के का शेयर लड़की से अधिक है।
6- नौकरीशुदा बेटे की मृत्यु पर पत्नी को मिलने वाले मुआवजे में वृद्ध माता-पिता के भरण पोषण की भी जिम्मेदारी होगी।
गार्जियनशिप- बच्चे के अनाथ होने की स्थिति में गार्जियनशिप की प्रक्रिया को ईजी की जाए।
12- पति-पत्नी के झगड़े की स्थिति में बच्चों की कस्टडी उनके ग्रैंड पैरेंट्स को दी जा सकती है।
13- जनसंख्या नियंत्रण को अभी सम्मिलित नहीं किया गया है।
12- पति-पत्नी के झगड़े की स्थिति में बच्चों की कस्टडी उनके ग्रैंड पैरेंट्स को दी जा सकती है।
13- जनसंख्या नियंत्रण को अभी सम्मिलित नहीं किया गया है।