यूपी के अमेठी में शिक्षक और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या के बाद माहौल गमगीन है। परिवार के सदस्य यादों के झरोखे में जाने पर सुबक पड़ते हैं। बीते दिन सोमवार को भी रायबरेली का सुदामापुर गांव शांत रहा। यहां कहीं कोई हलचल नहीं हुई। गांव के गलियारों में खामोशी पसरी हुई थी। लेकिन ग्रामीण और परिवार के सदस्यों की जुबां पर चंदन और पूनम के बीच की निकटता की सुगबुगाहट तेज है। खासकर महिलाएं धीरे-धीरे खुलकर बोलने लगी हैं। चर्चाओं से पता चला है कि चंदन और पूनम की निकटता एक हादसे के बाद बढ़ी। पूनम टूट गई थी तो चंदन ने संबल दिया और फिर बात जीने-मरने तक आ गई। सोमवार को सुदामापुर गांव के गलियारे शांत रहे। न कोई आया न गया, पुलिस के पहरा और उनकी बातचीत बीच-बीच में सन्नाटे को तोड़ती नजर आई। घरों के भीतर ही लोग थे। जिसे काम पर जाना था वह चला गया। साथ ही हत्याकांड की पृष्ठभूमि क्यों बनी और कैसे शिक्षक सुनील जब कुछ जानने के बाद भी घुटता रहा।
पूनम का पति सुनील भट्ठे पर मुनीम का काम करने के साथ फेरी लगाते थे। समय ने करवट ली और सुनील पहले पुलिस और फिर शिक्षक बने। इसी के साथ सुनील और पूनम की जिंदगी में बदलाव भी आया। 2018 में उनके जुड़वा बच्चे हुए। एक बेटी जिसकी नाम समीक्षा था और एक बेटा, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
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