एक ठेकेदार के कार्य भुगतान का मेजरमेंट बिल (एमबी) बनाने के नाम पर 8500 रुपये की रिश्वत लेने में दोषी पाए गए पीडब्ल्यूडी के जेई को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश एवं एडीजे प्रथम नीलम रात्रा ने सात साल पुराने इस मामले में जेई पर दो लाख रुपये अर्थदंड भी लगाया है। हल्द्वानी के फतेहपुर क्षेत्र के ग्राम रामड़ी छोटी निवासी धीरेंद्र सिंह पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार थे। धीरेंद्र ने वर्ष 2017 में पिथौरागढ़ क्षेत्र में इलेक्ट्रिक व मैकेनिकल का काम किया था। कार्य तय समय से तीन से चार माह पहले पूरा हो गया था। कार्य के भुगतान के लिए उन्होंने फाइल पेश की थी। अभियोजन के मुताबिक पिथौरागढ़ के पीडब्ल्यूडी के अपर सहायक अभियंताका कार्य देख रहे अवर अभियंता अमित गिरी ने उनसे एमबी बनाने के बदले 8500 रुपये की मांग की। मामला भ्रष्टाचार निवारण संगठन के कोर्ट में चला। विवेचना अरुण कुमार ने की, जबकि अभियोजन अधिकारी दीपा रानी ने मजबूत पैरवी की। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश ने अमित गिरी को दोषी पाया।
पीडब्ल्यूडी के जेई को रिश्वत लेने में दोषी पाया, पांच साल की कैद
