मैनपुरी के सीएचसी करहल में नेग के 5100 रुपये न देने पर नवजात को नर्स द्वारा कपड़े में लपेटकर 40 मिनट तक मेज पर रखे जाने से मौत हो जाने का मामला निकला है। आरोप है कि परिवार के लोग बच्चा देने के लिए हाथ जोड़ते रहे, लेकिन उसका दिल नहीं पसीजा। रुपये देने के बाद ही उसने बच्चा दिया। तब तक हालत बिगड़ने से बच्चे की जान ही चली गई। परिजन ने सीएम समेत जिला स्तरीय अधिकारियों से स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सीएमओ डॉ. आरसी गुप्ता ने बताया कि मामले की जांच कराई जाएगी।
क्या है पूरा मामला ?-
थाना कुर्रा के गांव ओन्हा पतारा निवासी सुजीत कुमार ने जिलाधिकारी, सीएमओ के साथ ही मुख्यमंत्री को शिकायती चिठ्ठी लिखी है और पत्र में कहा है कि उसने अपनी पत्नी संजली को प्रसव पीड़ा होने पर 18 सितंबर को सीएचसी करहल में भर्ती कराया था। यहां तैनात ज्योति और अन्य स्टाफ ने उसकी पत्नी के साथ गहलोत व्यवहार हुआ और उसकी पत्नी की उचित देखभाल भी नहीं हुई। बीते 19 सितंबर को सुबह चार बजे उसकी पत्नी ने एक बालक को जन्म दिया।
सुजीत ने बताया कि प्रसव के बाद उससे 5100 रुपये मांगे गए। जब पैसे नहीं दिए तो ज्योति ने बच्चे को एक कपड़े में लपेटकर मेज पर रख दिया। और परिजन निवेदन करते रहे कि बच्चा देदो तभी भी ज्योति ने बच्चा परिजन को नहीं दिया। कहा गया कि जब तक पैसे नहीं दोगे बच्चा नहीं मिलेगा। मजबूरी में परिजन ने 5100 रुपये ज्योति को दिए। करीब 40 मिनट तक बच्चा मेज पर रखा रहा इसके चलते बच्चे की हालत बिगड़ गईयह देख बच्चे को सैफई मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। सैफई में बच्चे ने पहुंचते ही दम तोड़ दिया। सैफई के डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे की प्रसव के समय उचित देखभाल न किए जाने के कारण मौत हुई है। सुजीत ने मामले में कार्रवाई की मांग की है। अब आज सोमवार को जांच टीम का गठन कर जांच कराई जाएगी। यदि लापरवाही की गई है तो संबंधित पर कार्रवाई होगी।