खतरा: जीबीएस डिसऑर्डर से पहली मौत, मरीजों का आंकड़ा 100 के पार

महाराष्ट्र में गिलियन बैरे सिंड्रोम से पहली मौत होने की संभावना जताई गई है।  बतादें कि स्वास्थ्य विभाग ने एक बयान जारी किया जिसमें कहा है किसोलापुर में मरने वाले व्यक्ति की मौत गिलियन बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) की वजह से होने की आशंका है।  यहाँ राज्य में जीबीएस से प्रभावित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है और  पुणे में ही 100 से ज्यादा मरीज हो गए हैं। मृतक सोलापुर का निवासी था, लेकिन कुछ समय पहले ही उसने पुणे का दौरा किया था। माना जा रहा है कि पुणे में ही वह जीबीएस सिंड्रोम की चपेट में आ गया। हालांकि अधिकारियों ने अभी तक इस मामले में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है।

खबर है कि इम्युनोलॉजिकल नर्व डिसऑर्डर गिलियन बैरे सिंड्रोम का प्रकोप सबसे ज्यादा पुणे में है। जहां संक्रमितों का आंकड़ा बीते दिन रविवार को 100 के पार हो गया है। पुणे में जीबीएस संक्रमितों की संख्या 101 हो गई है, जिनमें से 68 पुरुष और 33 महिलाएं शामिल हैं। इनमें 16 मरीजों की हालत गंभीर है और वे वेंटीलेटर सपोर्ट पर हैं। रैपिड रेस्पॉन्स टीम और पुणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन का स्वास्थ्य विभाग लगातार सर्विलांस कर रहे हैं। खासकर पुणे के सिंघाद रोड पर विशेष निगरानी की जा रही है

है क्या ये जीबीएस ? –
गिलियन बैरे सिंड्रोम या जीबीएस एक इम्युनोलॉजिकल नर्व डिसऑर्डर है। इस बीमारी में अचानक से हाथ-पैर सुन्न होने लगते हैं और मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। इस बीमारी के लक्षणों में कमजोरी, डायरिया आदि शामिल हैं। आमतौर पर बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण के चलते जीबीएस की समस्या हो रही है। मरीज की इम्युनिटी भी कमजोर हो जाती है। बच्चे और युवा इस बीमारी से ज्यादा ग्रस्त हो रहे हैं। हालांकि अच्छी बात ये है कि इलाज के बाद मरीज ठीक हो रहे हैं।

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