एक ही छत के नीचे रहने के लिए विवाह के सात फेरों का बंधन अब अनिवार्य नहीं है। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता ने लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता दी तो दून में दो जोड़े सबसे पहले लिव-इन रिलेशन का पंजीकरण करने का आवेदन डाला है। यानी देश में दो जोड़े कानूनी संरक्षण में एक साथ रह सकेंगे।दोनों युगलों ने यूसीसी पोर्टल पर लिव-इन का पंजीकरण कराने के लिए आवेदन किया है। दून पुलिस आवेदनों की जांच कर रही है। सही पाए जाने पर दोनों को लिव-इन में रहने की अनुमति दी जाएगी। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद देहरादून में भी इसके तहत पंजीकरण होने लगे हैं। दून में अब तक कुल 193 लोगों ने पोर्टल पर विभिन्न श्रेणियों में आवेदन किया है।विवाह की निरर्थकता का पंजीकरण, कानूनी उत्तराधिकारियों की घोषणा, वसीयत पंजीकरण के लिए आवेदन किए जा रहे हैं। पंजीकरण के अलावा विवाह विच्छेद, विवाह की निरर्थकता का पंजीकरण, कानूनी उत्तराधिकारियों की घोषणा, वसीयत पंजीकरण के लिए आवेदन किए जा रहे हैं।
देहरादून के दो जोड़ों ने मांगी संग रहने की अनुमति
