केदारनाथ पैदल मार्ग 29 जगहों पर क्षतिग्रस्त जबकि 16 स्थानों पर पूरी तरह से बहा है। लोक निर्माण विभाग ने रास्ते की मरम्मत के लिए 230 मजदूर लगे हैं। संवेदनशील स्थानों पर मजदूर खाई में उतरकर खुदाई कर रहे हैं।
मजदूर रस्सों को पकड़कर पुश्ता निर्माण के लिए बुनियाद रखने में लगे हैं। पूरे मार्ग को दुरस्त करने में लगभग एक माह का समय लग सकता है। दिनों में लोनिवि द्वारा मजदूरों की संख्या और बढ़ाई जाएगी। 31 जुलाई की देर शाम को अतिवृष्टि से केदारनाथ पैदल मार्ग गौरीकुंड से लिनचोली तक व्यापक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था। यहां 11 किमी के दायरे में रास्ता 16 स्थानों पर दो मीटर से 25 मीटर तक पूरी तरह से वॉशआउट हो रखा है। दूसरी तरफ क्षेत्र में आए दिन हो रही बारिश से मरम्मत व पुनर्निर्माण कार्य में दिक्कत आ रही हैं। सोनप्रयाग के समीप भूस्खलन जोन में भूस्खलन जोन में मरम्मत कार्य शुरू हो गया है। अभियंता द्वारा किए जा रहे कार्य की मॉनीटरिंग की जा रही है।