देहरादून : अब बिल्डर किसी भी हाउसिंग प्रोजेक्ट का नक्शा दो तिहाई मालिकोंकी मर्जी के बिना नहीं बदलने का राइट होगा। शासन ने सभी विकास प्राधिकरणों को इस संबंध में पत्र भेजकर चेतावनी दी है। साथ ही ये भी साफ़ कर दिया है कि पांच वर्ष पूरे होने के बाद नक्शे की अवधि को एक-एक साल के लिए अधिकतम तीन बार ही बढ़ाया जाएगा ऐसा नियम होगा।
प्रदेशभर से शासन को ये शिकायत मिल रही कि हाउसिंग प्रोजेक्टों के निर्माण के दौरान बिल्डर मनमानी करते हुए नक्शे में बदलाव किये जा रहे हैं। इस स्थिति में परियोजना के मूल स्वीकृत नक्शे की वैधता तिथि एवं अवधि विस्तारित मानचित्र की स्वीकृत तिथि के बीच अंतर है। अब जिस कारण उत्तराखंड भू-संपदा नियामक प्राधिकरण में पंजीकृत रियल एस्टेट परियोजनाओं को अवधि विस्तार देते समय परेशानी आ रही है। आवास विभाग ने सभी जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण, एमडीडीए, एचआरडीए, उडा, सीडा, उत्तराखंड आवास एवं विकास परिषद, टाउन प्लानिंग विभाग को एक निर्देश जारी किए हैं। नक्शा पास होने के बाद भवन निर्माण के लिए पांच साल का समय तय होता है। इसके बाद आवेदक के अनुरोध पर एक-एक साल के लिए इसे तीन बार तक बढ़ाया जा सकता है।