रामनगरी के खिलाफ सोशल मीडिया पर लगातार तरकश के तीर मारे जा रहे हैं। कुछ वीडियो और तस्वीरों को वायरल कर यह दिखाने का प्रयास किया जा रहा है कि यहां के विकास के लिए तमाम लोगों को प्रशासन ने जबरन बेघर कर दिया। ऐसे लोगों को न तो मुआवजा मिला और न ही उनके पुनर्वास का प्रबंध हुआ। इसी के चलते भाजपा को यहां लोकसभा चुनाव में हार मिली है। जिला प्रशासन ने इसको ना मानते हुए पुनर्वास और मुआवजा दिए जाने का ब्योरा प्रस्तुत किया है। डीएम नितीश कुमार ने इसके बारे में कहा है कि विभिन्न प्रमुख मार्गों का उनके किनारे के दुकानदारों, भवन व भू-स्वामियों से समन्वय बनाकर पुर्नस्थापित कर अनुग्रह धनराशि व मुआवजा देकर चौड़ीकरण किया गया है। रामपथ, भक्तिपथ, रामजन्मभूमि पथ और पंचकोसी व चौदहकोसी परिक्रमा मार्ग के चौड़ीकरण से 4616 दुकानदार इससे प्रभावित हुए।
इसमें से 4215 व्यापारी जिनकी दुकानें आंशिक रूप से प्रभावित हुईं, उन सभी को अनुग्रह धनराशि का भुगतान दिया गया। इन दुकानों का सुंदरीकरण भी हुआ था। ये सभी दुकानदार अब उसी स्थान पर व्यापार कर रहे हैं। इसी कड़ी में 401 दुकानदार पूर्ण रूप से कही और शिफ्ट किए गए। जिनमें बतादें कि 339 दुकानदारों को अयोध्या विकास प्राधिकरण ने दुकानें आवंटित की हैं। इनका व्यापार अन्य स्थल पर स्थानांतरित होने पर कुछ समय के लिए व्यापार प्रभावित होने के एवज में प्रति दुकानदार एक से 10 लाख रुपये तक हटायी गई दुकान के आकार के आधार पर अनुग्रह धनराशि का भुगतान उनके खाते में अलग से किया गया है।