पपड़ियाणा गांव निवासी और चिपको आंदोलन में अग्रणी भूमिका रखने वाले पर्यावरणविद् मुरारी लाल (91) का निधन हो गया है। पिछले तीन दिनों से उन्हें सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही थी। वो एम्स ऋषिकेश में भर्ती थे। इलाज के दौरान आज शुक्रवार सुबह करीब चार बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। शनिवार को सुबह अलकनंदा के किनारे पैतृक घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा। चिपको आंदोलन के प्रणेता चंडी प्रसाद भट्ट, सीपीबी पर्यावरण एवं विकास केंद्र के प्रबंध न्यासी ओम प्रकाश भट्ट, मंगला कोठियाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, नंदा देवी महिला लोक विकास समिति की अध्यक्ष डॉ. किरन पुरोहित, पूर्व पालिकाध्यक्ष प्रेम बल्लभ भट्ट, अनसूया प्रसाद भट्ट के साथ ही कई लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
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