बतादें कि वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर को केंद्र सरकार ने विदेशी अंशदान अधिनियम के तहत लाइसेंस दे दिया है। आवेदन किया गया था। न्यायालय की मंजूरी के बाद इसकी प्रक्रिया पूरी की गई है। न्यायालय द्वारा गठित प्रबंधन समिति के आवेदन के मुताबिक़, मंदिर के खजाने में बहुत सारी विदेशी मुद्राएं हैं। जिनके उपयोग की शक्तियों के लिए एफसीआरए लाइसेंस की आवश्यकता होती है। इसके लिए आवेदन किया गया था, जो स्वीकार कर लिया गया है।
बतादें कि बांके बिहारी मंदिर का प्रबंधन वर्तमान में न्यायालय द्वारा होता है। न्यायालय ने एक प्रबंधन समिति का गठन किया है। न्यायालय की मंजूरी के तहत इस प्रबंधन समिति ने एफसीआरए लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। मंदिर का प्रबंधन पहले पुजारियों के परिवार द्वारा किया जाता था और पहले यह निजी प्रबंधन से बंधा हुआ था या यूँ कहे उसके अधीन था।