लखनऊ : सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज शनिवार को यूपी विधानसभा में पांच फरवरी को पेश किए गए यूपी बजट 2024-25 पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सरकार हर बार सबसे बड़ा बजट पेश करती है पर उसे खर्च नहीं करती और सरकार ने जितना आवंटन किया उस पर खर्च कितना हुआ है इसकी जानकारी नहीं दी है। अखिलेश ने अलग-अलग विभागों को पिछले वर्ष आवंटित किए गए बजट और उस पर हुए खर्च का भी जिक्र किया। अखिलेश यादव ने एक शेर मारते हुए कहा कि शेर उनके मुंह से अब अच्छे नहीं लगते… 46 में 56 की जो बात करते हैं।
उन्होंने ये भी कहा कि यूपी का बजट सात लाख करोड़ का हो या आठ लाख करोड़ का पर सबसे बड़ा सवाल यही है कि प्रदेश की 90 फीसदी जनता के लिए क्या है? उन्होंने बजट के बड़े आकार पर कहा, बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर, पंछी को छाया नहीं फल लागे अति दूर…।
अखिलेश यादव ने लोकसभा में सभी के सामने एक शेर बोलै जो कुछ यूँ था –
वहां कुछ और कहता है
हकीकत कुछ है लेकिन दास्तां कुछ और कहता है
कली से ताजगी, फूलों से खुशबू हो गई गायब
चमन का हाल कुछ है, बागबां कुछ और कहता है