नई दिल्ली: सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज मुकदमों पर सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देश जारी हुए हैं,,सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विधायकों और सांसदों के जो भी मामले अदालतों में पेंडिंग है उन्हें बिना हाईकोर्ट की अनुमति के राज्य सरकारें अब वापस नहीं ले सकती। सुप्रीम कोर्ट में दर्ज एक याचिका में कहा है कि पूरे देश की अदालतों में सांसदों और विधायकों के खिलाफ लगभग 5 से 6 हज़ार मामलें पड़े है। दिसंबर 2018 के बाद से आंकड़ा करीब 15 परसेंट बढ़ चूका है। आपको बतादें की एमिकस क्यूरी ऑफ वकील विजय हंसारिया ने कहा है कि विधायकों और सांसदों के खिलाफ जो भी मामलें दर्ज हैं उनमें बीते दो वर्षों में 17 % की बढ़ोतरी हुई है। दिसंबर २०१८ तक विधायकों और सांसदों के खिलाफ अदालत में 4,122 मामलें वंचित पड़े है।
जिनकी संख्या सितंबर 2022 तक बढ़कर 4,859 हो गई है। राज्य सरकारों ने अपनी पार्टी के कई सांसदों और विधायकों पर दर्ज आपराधिक मामलों को वापस लिया है.आपको बतादें कि यूपी में 76 मामलों को रद्द किया गया था। जिनके मामलें रद्द हुए हैं उनमें संगीत सोम,कपिल देव,सुरेश राणा,साध्वी प्राची के मामलें शामिल हैं।

