वैश्विक स्तर पर भारत समेत अन्य देशों की कोरोना वैक्सीन के सकारात्मक असर पर चर्चा के लिए आज मंगलवार को डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ पैनल की मीटिंग हुई है। इस बैठक में भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन ‘कोवाक्सिन’ को आपात मंजूरी देने पर विशेष पैनल ने चर्चा की है। इस बैठक में स्ट्रेटेजिक एडवाइजरी ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट ऑन इम्यूनाइजेशन (SAGE) द्वारा कोवाक्सिन के डाटा का विशेष तौर पर विश्लेषण होगा। इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब तक केवल छह कोविड-19 वैक्सीन इजाज़त दी है। इनमें- फाइजर-बायोएनटेक, जॉनसन एंड जॉनसन (J&J), ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका , मॉडर्ना, सिनोफार्म और सिनोवैक वैक्सीन सम्मिलित है।
EUL एक जोखिम-आधारित प्रक्रिया है जो मूल्यांकन और लिस्टिंग के लिए बिना लाइसेंस वाले टीके पर विचार करती है। इस प्रक्रिया में चिकित्सीय और इन-विट्रो डायग्नोस्टिक्स भी आते हैं। एक निश्चित सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल से प्रभावित लोगों को वैक्सीन की उपलब्धता में बढ़ोतरी हुई है। यदि कोवाक्सिन को इस सूची में शामिल किया जाता है, तो भारत के स्वदेशी रूप से विकसित कोविड -19 वैक्सीन को व्यापक वैश्विक स्वीकृति मिलने की आशंका जताई गई है। आपको बतादें कि भारत बायोटेक ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि एक जिम्मेदार वैक्सीन निर्माता कंपनी के रूप में, हम नियामक अनुमोदन प्रक्रिया और इसकी समय-सीमा पर अटकलें या टिप्पणी करना उचित नहीं समझते हैं।
WHO का आ सकता है शाम तक बड़ा फैसला,कोवाक्सिन को दे सकते है मंजूरी

