देहरादून के केसरवाला में विकास कार्य नहीं होने की वजह से लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया हैं और लोगों का आरोप है कि शहर में पांच साल होने के बाद भी उनको शहरी सुविधाएं नहीं मिली और केसरवाला की सड़कों की हालत खराब है। लेकिन नगर निगम ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया।
कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी और उनके परिवार के अन्य सदस्यों का नाम भी मतदाता सूची में नहीं हैं और इसपर गरिमा का कहना है कि उनका और उनके परिवार का नाम वोटर लिस्ट में नहीं है साथ ही उन्होंने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी वोटिंग की थी। लेकिन उनका नाम इस बार की निकाय चुनाव की सूची से गायब है।
पूर्व सीएम हरीश रावत के वोट कटने पर उनकी तरफ से जारी बयान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का बयान सामने आया। उन्होंने कहा कि हरीश रावत मतदान के प्रति कितने जागरूक हैं। इससे लगता है कि वो वोटिंग के दिन ही अपने मत को ढूंढने निकले हैं। शायद हरीश रावत को पता ही नहीं है कि वो कहां के वोटर हैं। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि हरीश रावत कभी हरिद्वार तो कभी ऊधम सिंह नगर तो कभी अल्मोड़ा से चुनाव लड़ते हैं। हरीश रावत को तो यही नहींपता है कि वो ग्रामीण क्षेत्र के मतदाता है या फिर निकाय के।पूर्व मुख्यमंत्री वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत जब वोट डालने की तैयारी कर रहे थे तो पता चला कि उनका नाम मतदाता सूची में ही नहीं है। मीडिया से बातचीत में पूर्व सीएम रावत ने कहा कि उन्हें बड़ा धक्का लगा है। मैंने माजरा से लोकसभा चुनाव में वोट दिया था।