समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने के बाद होने वाली शादियों का एक माह के भीतर रजिस्ट्रेशन कराना जरुरी होगा। इसके बाद जुर्माना देना पड़ेगा। यूसीसी की नियमावली में शादियों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। स्पेशल मैरिज एक्ट 2010 लागू होने से पहले और बाद की शादियों के रजिस्ट्रेशन के लिए छह महीने की मोहलत मिलेगी। लिव-इन रजिस्ट्रेशन के लिए नियम बाकी सभी से अलग हैं। लिव-इन में रहने और अलग होने का रजिस्ट्रेशन रजिस्ट्रार स्तर के अधिकारी के यहां करना होगा। सत्यापन के लिए 15 दिन का समय होगा। इसके बाद यदि कोई कमी रहती है तो इसकी 30 दिन के भीतर इसकी अपील की जा सकती है। इसके अलावा शहरी क्षेत्र में सब रजिस्ट्रार रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। इसके बाद जिला स्तर पर रजिस्ट्रार इन सभी सेवाओं के रजिस्ट्रेशन के लिए अधिकृत होंगे। वसीयत के नियम पहले के जैसे होंगे। हालांकि, यूसीसी लागू होने के बाद यह ऑनलाइन के अलावा ऑनलाइन भी की जा सकती है।
शादियों का एक महीने के भीतर करना होगा ऐसा, लिव-इन रजिस्ट्रेशन के लिए करना होगा ये
