लखनऊ: यूपी में 2022 के विधानसभा चुनावों की तैयारियां लगभग सभी पार्टियों में जोरो शोरो पर हैं। जिसके चलते आज कल नेताओं की अदला बदली जारी है। पार्टी बदलने का रोज़ हो रहा है। जिस कड़ी में आज सोमवार को बसपा नेता अजीत बालियान ने भाजपा का दामन थाम लिया है। लखनऊ में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की मौजूदगी में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। अजीत बालियान 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा, सपा और रालोद के संयुक्त प्रत्याशी थे। तब उनका सामना सतीश गौतम से हुआ। आपको बतादें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा व बसपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था जिसमें रालोद को भी कुछ सीटें दी गई थीं। हुआ यह गठबंधन कामगर नहीं रहा। भाजपा ने 65 सीटों पर जीत हांसिल की थी।
आज सिर्फ अजीत बालियान ने ही नहीं बल्कि कांग्रेस नेता अजय कुमार द्विवेदी, मुरली मनोहर जायसवाल, अभय नाथ त्रिपाठी, सपा नेता सोनम किश्ती, वैभव चतुर्वेदी, शिरोमणि अकाली दल के सरदार गुरप्रीत सिंह बग्गा व राष्ट्रीय महिला कांग्रेस की प्रीति तिवारी भी भाजपा में दाखिल हुईं हैं। सदस्यता ग्रहण के बाद उन्होंने कहा कि 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद से प्रदेश विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। पहले भ्रष्टाचार व परिवारवाद बढ़ता था और अब उत्तर प्रदेश में सुरक्षित हैं पहले नहीं थीं। अब कानून का राज है। यही कारण है कि प्रदेश की जनता का भाजपा पर भरोसा दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। हालांकि, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी दावा कर रहे हैं कि सपा इस चुनाव में 400 सीटें जीतने में कामयाब रहेगी।

