बरेली : बसपा सुप्रीमों और यूपी की पूर्व सीएम मायावती की सात फरवरी को बरेली में चुनावी रैली है। बता दें कि इस रैली में लाखों की भीड़ नहीं सिर्फ 999 लोगों की भीड़ जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि कोरोना गाइडलाइन के अनुसार एक हज़ार लोगों को ही रैली करने की छूट दी गई है। इससे अधिक रैली में भीड़ होने पर महामारी अधिनियम का मुकदमा दर्ज हो सकता है। जिसके चलते बसपा नेताओं ने सात फरवरी को होने वाली मायावती की रैली में 999 लोगों की भीड़ जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए रैली स्थल पर गिनती से ही प्रत्याशी और कार्यकर्ताओं को अंदर लिया जाएगा. बाकी लोग डिजिटल तरीके से घर पर ही मोबाइल, लैपटॉप और टीवी पर रैली को देख सकेंगे. इस रैली में बरेली, पीलीभीत, बदायूं और शाहजहांपुर की 25 विधानसभाओं के कार्यकताओं और मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश होगी।
जिला प्रशासन से बहुजन समाज पार्टी के पदाधिकारियों ने बीसलपुर रोड पर राधा माधव स्कूल के सामने का मैदान मांगा है। यहां कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक 999 कार्यकर्ता शामिल होंगे। इसके लिए जिम्मेदारी दे दी गई हैं। बसपा के प्रदेश प्रभारी शमसुद्दीन राईन ने मायावती की रैली को लेकर बैठक की। बसपा ने यूपी में पूर्ण बहुमत के साथ 2007 में सरकार बनाई थी, लेकिन इसके बाद 2012 और 2017 में सरकार नहीं बना सकीं। बसपा का दलित में जाटव साथ खड़ा रहा है।इसी उम्मीद के साथ बसपा एक बार फिर सत्ता में काबिज होने की उम्मीद लगाए बैठी है। प्रदेश प्रभारी शमसुद्दीन राईन और जिलाध्यक्ष जयपाल सिंह ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष हाजी नूर अहमद को पार्टी के तुलसी नगर कार्यालय पर शामिल किया. उनको बड़ी संख्या में लोगों के साथ पार्टी की सदस्यता दिलाई गई।

