हाथरस हादसा : मारे गए अधिकांश मृतकों की हुई पहचान, सात बच्चे और 100 से ज्यादा महिलाएं

उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि मंगलवार को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदरा राव क्षेत्र में आयोजित एक ‘सत्संग’ के दौरान मची भगदड़ में मरने वाले 116 लोगों में से ज्यादातर लोगों की पहचान हो गई है। सत्संग में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ ही पड़ोसी राज्यों से भी श्रद्धालु आए थे। अलीगढ़ जोन के पुलिस महानिरीक्षक शलभ माथुर ने बताया कि हाथरस में भगदड़ की घटना में 116 लोगों की मौत हुई है।  एटा और हाथरस निकटवर्ती जिले हैं और एटा से भी लोग ‘सत्संग’ में शामिल होने आए थे।

 

जिले से आए डॉक्टर्स –

सीएमओ सहित एसीएमओ मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी पहुंचे और जैसे- जैसे घायल आते गए और उन्हें मृत बता पोस्टमार्टम में भेजा जाता रहा। शव इतने हो चुके थे कि जिला मुख्यालय के चिकित्सक कम पड़ गए। जिले भर से चिकित्सकों और कर्मचारियों को बुलाया गया। पोस्टमार्टम की प्रक्रिया में 10 चिकित्सक लगाए गए। स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया था। इमरजेंसी में तत्काल चिकित्सकों को बुलाया गया। इस दौरान चार घायलों का उपचार किया गया। वहीं मृतकों के पोस्टमार्टम के लिए सकीट, जैथरा, मारहरा, निधौलीकलां, अवागढ़ आदि स्थानों से चिकित्सकों को बुला लिया गया।  सीएमओ ने बताया कि शाहजहांपुर के शवों को एंबुलेंस से भेजा गया है। कासगंज के शव भी एंबुलेंस से भेजे गए हैं।

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