जोशीमठ मे भूधधसाव आपदा आई थी उस पर वैज्ञानिकों ने अपनी एक रिपोर्ट तैयार की उसे सार्वजनिक किया गया है। इसपर नैनीताल हाईकोर्ट की सख्ती के बाद आखिरकार सरकार को जोशीमठ भूधंसाव पर वैज्ञानिक संस्थाओं की रिपोर्ट को सामने पेश कर दिया है। आठ वैज्ञानिक संस्थानों की यह रिपोर्ट सैकड़ों वैज्ञानिकों ने तैयार की है। कई महीनों की मशक्कत के बाद करीब 718 पन्नों में तैयार हुई ये रिपोर्ट राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने भी अपनी 139 पन्नों की रिपोर्ट तैयार हुई थी। रिपोर्ट में जोशीमठ में भू-धंसाव के कई कारणों और भविष्य की टाउन प्लानिंग का विस्तृत जानकारी है। चमोली जिले के जोशीमठ में इस साल की शुरुआत में ही भू-धंसाव शुरू हुआ था। तमाम वैज्ञानिक संस्थानों से बहुत पहले ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी, लेकिन सरकार ने इस दबाए रखा।
इसके अलावा हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी जिसमें था कि इसकी तैयार रिपोर्ट गुप्त न रखकर आम लोगों से साझा करनी चाहिए। इसके बाद उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) की ओर से रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए वेबसाइट पर अपलोड की है।

