मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार भारत के साथ हाल में किए गए सहमति पत्रों (MoU) की समीक्षा हो सकती है। साथ ही बांग्लादेश के विदेश मंत्री तौहीद हुसैन ने बीते दिन रविवार को कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार भारत के साथ दस्तखत किए गए एमओयू की समीक्षा कर सकती है। अगर उन्हें देश के लिए लाभकारी नहीं माना जाता है, तो इन एमओयू को रद्द किया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो यह बांग्लादेश सरकार का खुद ही अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने के बराबर होगा।भारत सरकार ने कहा है कि बांग्लादेश में नई सरकार का शुरुआती चरण है और जैसे-जैसे समय बीतेगा वे विकसित होंगे और उनका एक नया रूप सामने आएगा। सूत्रों ने कहा कि बांग्लादेश की नई सरकार का मानना है कि शेख हसीना भारत के करीब थीं और उन्होंने सहमति पत्रों पर दस्तखत करते समय भारत के लिए अनुकूल व्यवहार किया है।
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