राजधानी में आज गुरूवार और कल ऑटो टैक्सी चालकों ने हड़ताल घोषित की है। इसमें 15 से अधिक ऑटो और टैक्सियों के यूनियन शामिल हैं। हड़ताल करने वाले संगठनों ने आरोप लाग्या है कि एप आधारित कंपनियां उनका शोषण कर रही हैं। उनसे मोटा कमीशन वसूल रही है। इसी तरह, बाइक टैक्सी और ई-रिक्शा से भी उनके रोजगार को नुकसान पहुंच रहा है। सभी का कहना है कि केंद्र सरकार और राज्य इस पर रोक लगाए। दूसरी तरफ दिल्ली में कई ऑटो संगठन हड़ताल में शामिल नहीं हुए हैं। यह हड़ताल एप आधारित कंपनियों से जुड़े ऑटो और कैब चालक कर रहे हैं। ऑटो परिवार यूनियन के अध्यक्ष इंद्रजीत सचदेवा का कहना है कि अगर चालकों को कोई दिक्कत है तो उसे संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर सुलझाया जा सकता है। मुख्य कारण है कि एग्रीगेटर कंपनियां गैर कानूनी तरीके से चल रही हैं और हमारे चालकों को सही पैसा नहीं मिल रहा है।
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