बठिंडा : सिखों की सर्वोच्च संस्था श्री अकाल तख्त ने श्री दमदमा साहिब से खालिस्तानी समर्थक और वारिस पंजाब दे के मुखिया अमृतपाल सिंह के मामले में बड़ा बयान दिया है । श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा है कि अमृतपाल को सरेंडर कर देना चाहिए। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि अमृतपाल के सरेंडर के मामले को सिखों के पवित्र स्थल श्री दमदमा साहिब और सबसे बड़े खालसा पंथ के त्योहार बैसाखी से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
बैसाखी के दौरान 12 अप्रैल से लेकर 15 अप्रैल तक सिखों को दमदमा साहिब आकर माता टेकने और सिखों की तरफ से यह संदेश देने को कहा गया है कि वह सभी अभी भी एकजुट हैं और पूरी तरह से बेखौफ हैं। हालांकि इस दौरान ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि बेवजह ही अमृतपाल के सरेंडर को श्री अकाल तख्त और बठिंडा के तलवंडी स्थित सिखों के पवित्र स्थान दमदमा साहिब से जोड़ा जा रहा है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने पंजाब सरकार को भी नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि बैसाखी पर पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द करके उन्हें श्री दमदमा साहिब में तैनात करके और गुरुद्वारों के बाहर पैरामिलिट्री फोर्सेस की तैनाती करके खौफ का माहौल बनाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार डर का माहौल बनाने की कोशिश कर रही है। दमदमा साहिब के आसपास राज्य सरकार ने भारी पुलिस बल तैनात किया। बता दें कि पुलिस को शक है कि अमृतपाल सिंह या तो अमृतसर के श्री अकाल तख्त साहिब जाकर या फिर बठिंडा के श्री दमदमा साहिब में आकर सरेंडर कर सकता है।

