त्योहार का सीजन शुरू होने से पहले आम आदमी के लिए राहत हुई है। अब आलू और चावल के दामों में गिरावट आणि शुरू हो गई है साथ ही पिछले 20 दिनों के अंदर आलू का रेट 8 प्रतिशत कम हुआ है, क्योंकि उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के कोल्ड स्टोरेज में आलू का स्टॉक ओवरलोड हो गया है। ऐसी उम्मीद है कि आने वाले दिनों में आलू की रेट में और गिरावट आएगी।
आपको बतादें कि बीते महीने आलू के अचानक बढ़े दामों को नियंत्रित करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने इसके निर्यात पर बैन लगाया था और उत्तर प्रदेश से उत्तर-पूर्वी राज्यों में आलू ले जाने वाले ट्रकों की आवाजाही पर रोक भी लग गई थी। इससे यूपी और बंगाल के कोल्ड स्टोरेज के आलू का स्टॉक ओवरलोड हो गया। इसी वजह से आलू के दामों में गिरावट आना शुरु हो गई थी।
ऐसे में रिटेल प्राइस में गिरावट आना स्वाभाविक है। हाल ही में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने आलू के अंतरराज्यीय व्यापार की अनुमति दी थी। इस फैसले से अन्य राज्यों को बड़ी राहत मिली थी। व्यापारियों का कहना है कि, उनके के कुल उत्पादन का 163 लाख टन का 50 प्रतिशत हिस्सा अभी भी कोल्ड स्टोरेज में पड़ा है। आने वाले हफ्तों में कीमतों में और गिरावट आने की उम्मीद है।
उधर तीन महीनों में खुदरा स्तर पर बासमती चावल की कीमत 75 रुपये प्रति किलो से गिरकर 60 रुपये प्रति किलो पर आ गई है, क्योंकि निर्यात बाजार इतना मजबूत नहीं है। और अलग देश भारत की तुलना में कम कीमत पर चावल की पेशकश कर रहे हैं। न्यूनतम निर्यात मूल्य 950 डॉलर प्रति टन है।