पिछले वर्ष जिन कॉलेजों में बीए, बीएससी, बीकॉम करने वालों की भीड़ थी इस वर्ष खाली सीट पड़ी हैं। बीए की कटऑफ भी 60 प्रतिशत से नीचे नहीं रहती थी वहीँ इस वर्ष 80 प्रतिशत सीटें खाली हैं। अब स्थिति है कि सीयूईटी में बैठने वाले छात्र भी नहीं पहुँच रहे हैं। कॉलेज बिना किसी मेरिट के ही दाखिला दे सकें।
इसके लिए कॉलेज भी तैयार हैं।यूजीसी ने इस साल से सभी केंद्रीय विवि में दाखिले के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी इंट्रेंस टेस्ट से दाखिलों की जरुरत थी। गढ़वाल विवि व इसके संबद्ध कॉलेजों पर ये नियम लागू हुआ तो इसका गंभीर परिणाम देखने को मिल रहा है। अशासकीय डिग्री कॉलेजों में छात्रों को सबसे सस्ती शिक्षा मिलती है, जिनमें पिछले साल तक छात्रों की भीड़ इतनी होती थी.बीएसएम डिग्री कॉलेज रुड़की में तो छात्रों की भारी कमी है।

